एक बार जब "एम् बी ए मैनजमेंट कमिटी" की बैठक यह हुआ के "पर्सनल" विभाग को बदल देंगे, इसका मतलब था की अब "पर्सनल डिपार्टमेंट" का नाम बदल कर "एच आर एम डिपार्टमेंट "कर देना चाहिए।
इसका कारण यह था की, पर्सनल डिपार्टमेंट का अर्थ, यह था की इस नाम से आदमी को मशीन जैसा "ट्रीटमेंट" मिलता हैं। इस नाम से आदमी का अपमान होता हैं। यह अपमान "मैनजमेंट कमीटी" इसे सह नहीं सकता। यह मानवाधिकार के खिलाप है। इसके बदले में हम "एच आर एम डिपार्टमेंट" इस नाम से सम्भोदन होगा। इस में प्रशिक्षण अदि सिखाया जायेगा।
"एच आर एम" में काम करने वाले लोग तो ज्यादा बढ़ गए । पहले पर्सनल देपर्टमेंट में लोग काम रहते थे। कहने के लिए एच आर डिपार्टमेंट है। लेकिन अभी भी काम वही है, जो की मशीन के जैसा है। सिर्फ नाम बदल गया है। काम तो अभी भी वही है। आज हमारे आइ टी इंडस्ट्री में नए लोगों को दस से बारह घंटे काम में लिया जाता है।
सिर्फ नाम बदला है, काम करने का तरीक़ा वही है। या उससे भी बुरा।