शनिवार, 25 फ़रवरी 2023

क्रीज़ से एक कदम दूर तो विश्व कप से दूर....

      जब  विश्व कप में भारतीय महिला टीम सेमीफइनल ऑस्ट्रेलिया महिला टीम के बिच चल रहा था।  ऑस्ट्रेलिया  ने  १७२ रन बनाकर भारतीय टीम के सामने १७३ रन का लक्ष रखा। शेफाली वर्मा और समृति मंधाना लक्ष को साधने हेतु मैदान में उत्तर जाते हैं।  वर्मा ९ रन बनाकर  और मंधाना २ रन बनाकर आउट हो जाते हैं। उसके बाद
 आनेवाली  यास्तिका भाटिया भी ४ रन बनाकर जल्दी ही आउट हो जाती हैं। उसके बाद आने वाली  जेमिमह रोडिऱ्गुस और हरमन प्रीत कौर  दोनों ने बाजी को संभल लिया। जब यह खिलाडी इतनी अच्छी बैटिंग कर के विरोधी टीम के पसीने छुड़वा दिए। एक समय ऐसा लग रहा था निर्धारित २० ओवर के अंदर ही मैच जीत लेते।  लेकिन एक गलत शॉट के चलते जेमिमहा २४ बाल ने ४३ रन बनाकर आउट होती हैं। उसके बाद ऋचा घोष बैटिंग करने उतरती हैं। हरमन प्रीत कौर कप्तानी पारी खेल रही थी। मैच में जब ऐसा मोड़ आया की ३४ बॉल में ५३ रन बनाकर रन आउट हो जाती हैं।  क्रीज से बस एक कदम दूर रह जाती हैं क्यूँ की उसका बल्ला जमीं में अटक गया था। उसके बाद  रनों  की गति धीमी हो जाती हैं।  १६७  रन  ८ विकेट  इस तरह मैच हार  कर विश्व कप के बहार हो जाती हैं। 
       
              अब हमारा सवाल यह हैं की,  मीडया  में जगह उतनी नहीं मिली की जितनी पुरुष टीम को मिलती।  बी सी सी आइ में भी उतनी  जगह नहीं मिली। अभी मालूम हुआ की हमारा मीडिया बी सी सी आइ  और हमारे  लोग अभी  भी पुरुष प्रधान सोच को ही बढ़ावा देते हैँ। महिला टीम को सिर्फ सुर्खियो मे जगह मिली।अगर इसी जगह पुरुष टिम होती तो एक एक घंटे के स्पेसल कार्यक्रम प्रसारित किये जाते लेकिन महिला टिम के ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। पूरी दुनिया  में बस पुरुषों का वर्चस्व दिखाई पड़ता हैँ।  अगर हम आज महिला टीम को उतनी अहमियत और प्रोहत्सन देते तो यह महिलएं पूरा विश्व जिंतने को तैयार रहती, विश्व कप तो उनके  सामने कुछ भी नहीं।