आज कल देश में जो कुछ भी हो रहा हैं, कुछ भी ठीक नहीं। इससे एक बात सामने आती हैं ये सब नेता लोग वोटों के लिए अपना ज़मीर बेच देते हैं। मुंबई में आज़ाद मैदान में दहशत मचानेवाला एक आतंकी बिहारी मुस्लिम निकलता हैं, कल मुंबई का निकलेगा,क्यूँ की इन लोगों के लिय कोई देश, या कोई प्रान्त नहीं होता। इसका मतलब यह कतई नहीं होता हर भारतीय मुस्लिम आतंकवादी हैं। लेकिन एक और बात इससे सामने आती हैं की उसका जो भी समर्थन करेगा वो भी आतंकी ही हैं, और रहेगा। क्या उस आतंकवादी को मुंबई पोलिस बिहार जाकर पकड़ नहीं सकती? जिस देशद्रोही ने जो आज़ाद मैदान में हमारे "अमर जवान" स्मारक को लात मारकर तोड़ दिया था,अब वक्त आ गया हैं की हमें भी ठीक उसी तरह उसें लात मारकर देश से बहार निकलना चाहिए।
नितीश इतने समझदार हैं की, मुस्लिम वोट बैंक खोने नहीं देंगे, चाहें मोदी का विरोध करना हो या, देश के अस्मिता पर लात मरनेवाला आतंकी हो। जो की खुदको प्रधानमंत्री पद का दावेदार समझते हैं। बात तो सही हैं, देश का प्रधानमंत्री इसी तरह का होना चाहियें, अगर झूट लगता हैं तो, इतिहास देख लीजिएगा। क्यूँ यहाँ धर्म-निरपेक्ष का नक़ाब पहनना जरूरी हैं।
हम लोग मीडिया की बातोंमें आकर प्रांतीय वाद-विवाद में फस जातें हैं? इसमें सिर्फ मीडिया और नेतालोगों की रोज़ी रोटी चलती हैं। जो आतंकी हमारें देश के सन्मान को लात मरता हैं। उसे सजा जरुर मिलनी चाहियें, वो चाहें मुंबई का हो या बिहार का हो, हमारा लक्ष एक ही होना चाहियं की, सिर्फ भारत देश।
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