शनिवार, 29 दिसंबर 2012
जनशक्ती
यह जनशक्ती हैं जो सभी नेता लोगोकों शोक व्यक्त करने का मौक़ा मिला हैं, शायद दिल से ना सही लेकिन जनशक्ती का असर जरुर हैं। समझो अगर हम लोग सब इस आन्दोलन में नहीं होते तो यह घटना भी एक समाचार पत्र या टीवी के किसी कोने में आकर चली जाती। इस लियें हमें अब यह सोचना होगा की हम सब एक हैं, और आनेवाले कल को बदलना हमारा केवल धर्म ही नहीं बल्की हमारा कर्तव्य भी हैं।
अब शोक व्यक्त करने वाले नेता लोग दिल्ली में लोगों पर लाठिया, और आसूं गैस के गोले दागकर इस आन्दोलन का खात्मा करने का प्रयास जरुर किया हैं। क्यूँ की नेता लोग नहीं चाहते की सभी लोग एक होकर सरकार या सिस्टम को खामिया उजागर करें और सरकार को हिला दें।
चाहें कुछ भी हम सब एक हैं, हमें इस देश की गंदगी की को मिटाना हैं। हम सब एक हैं, हमारी आवाज़ को सरकार मिटा नहीं सकती अब हमें औरतों का सन्मान करना होगा और उन अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी होगी, आज वो दिन आ गया हैं, अब हमें हमारी आवाज़ को बुलंद कर के उन दरिंदों को सजा देनी हैं । आज पूरा देश शोक में डूबा हैं। आज हमें सबको नेक काम के लियें एक होना हैं, जनशक्ती को जागृत करना हैं। इसमें राजकरन ना हो क्यूँ की इससे जो एक सत्ता बने जो की हम इस देश में एक बदलाव आएँ और इस सड़े हुयें सिस्टम उखाड़ सकें। मैं आदर के साथ प्रणाम करता हैं इस जनशक्ती को। चलों नेक काम के लियें एक होकर एक जनांदोलन खड़ा करेंगे, की दुनिया में एक मिसाल बने की भारत का जनतंत्र सडा हुआ नहीं हैं।
हम सब एक हैं !हम सब एक हैं!! हमारी जनशक्ती।
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