
रोज की तरह मैं ऑफिस के लियें निकल चुका था रास्ते में फोनिक्स मार्केट सिटी लगता हैं, मैं हर रोज़ ८:१५ के आस पास बंद रहता था, लेकिन आज कुछ हलचल दिखाई दे रही थी। जी हाँ यहाँ कबाली का पहला शो सुबह ७:०० बजे शुरू हो चुका था।
फिल्मों को इन नयी परिभाषा देने में दक्षिण के लोग सफल हो गएँ हैं, क्यूं की उनके लिए यही एक उत्सव हैं। बेंगलुरु का यह हाल हैं तो तमिलनाडु में क्या होगा?