गुरुवार, 20 जुलाई 2023

पैसा बोलता है....


फोन उठाते ही उधर से आवाज़ गुंजी ।  

"हैलो हां मैं तेरा दोस्त बोल रहा हुं, रमेश।"  मेरे दोस्त का बड़े अरसे के बाद फ़ोन आया। 

"कैसा हैं यार? इतने दिन कहां था?" मैंने जवाब दिया। 

"तेरा कैसा चल रहा है ? सब कुछ ठीक ठाक हैं ?" रमेश ने पूछ लिया। 

"और तेरा कैसा चल रहा है? बीवी बच्चे सब ठीक हैं ना? "मैंने पूछ  लिया। 

"सब  ठीक है, क्या बोलना यार मेरी  जॉब चली  गयी  हैं। मुझे कुछ रुपये चाहिए थे, ज्यादा नहीं सर  सिर्फ पचास हज़ार।" रमेश ने क्षमा का भाव लाते हुए पूछा।

"लगता है सिग्नल बराबर नहीं आ रहा हैं।"  मैंने फ़ोन से अपना मुह दूर करते हुए कहा और फ़ोन काट दिया।  और उसका नंबर ब्लॉक कर दिया। 

        इस घटना के बाद मेरे मस्तिष्क में पुरानी यादे तरंगो के भांति मेर मस्तिष्क में गूंजने लगे।  जब मेरे दोस्त को जरुरत थी, उसे हर बार मैंने रुपये उधार दिए थे, लेकिन वो लौटाने का नाम ही नहीं ले रहा थे ।  न सिर्फ उसे मैंने मेरे हर दोस्त की मदद की थी, उसमे से राजेश एक था, वही टाइम पे रुपये  लौटा ता था। लेकिन राजेश अभी मेरे से बात नहीं करता, क्यों की मैंने सिर्फ एक बार उसे रुपए देने से मना किया था, वो  भी मेरे पास उस समय रुपये नहीं थे।  क्यूं  की उस समय मेरा रुपया रमेश  पास अटका हुआ था। 

         अब मै दुनिया से एक बात तो सिख लिया था की तुम कितने बार मदद करो, लेकिन किसी वजह से एक बार मदद नही की तो आपकी पूरी मदद व्यर्थ हो जाती है। 

          शायद रिश्तो में  तो इससे बुरी बात होती हैं।  उनके बेटी, बेटा और पत्नी सभी लोग संपर्क करना बंद कर देते हैं। यह बात याद रखने की जरुरत हैं की, आप किसी से भी उधार लेते हैं तो अपने बच्चों को या पत्नी को ना बताये तो ही बेहतर होगा, और एक बात, अपने काम आप ही करें।  बच्चो से किसी से उधार मंगवाने की कोशिश ना करें। इससे यह होता हैं बच्चे मन एक कल्पना घर करने लगती हैं की समय पे उसने हमारी मदद नहीं की। लगता हैं अब हमारे बच्चे बड़े हो गए हैं, क्यों की अपने बच्चे सिर्फ आपके बारे में सोचते हैं, रिश्तो के बारे में नही। 

 किसी ने  सच हो कहा था  पैसा बोलता हैं, बुलवाता हैं और बोलना बंद भी करवाता हैं। 

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