गुरुवार, 2 अगस्त 2012

टीवी मीडिया..


(फेसबुक में टैग की गयी एक  तस्वीर)

         क्या भारतीय टीवी  मीडिया का रूप बदल चुका हैं ? क्या हमारा टीवी मीडिया लोगोंका भरोसा  जितने का मौक़ा गवां चुका  हैं? क्या टीवी  मीडिया को लोग किसी भ्रष्ट नेता  की तरह तो नहीं देख रहे हैं? सवाल बहुत सारे लेकिन जवाब कौन देगा?

          फेसबुक पर तो बहुतसे लोगोंने  मीडिया पर अपनी राय जाहिर की हैं, की हमारा टीवी मीडिया बिकाऊ हैं। हमारा मीडिया निष्पक्ष ख़बरें देने में असहाय हैं। अब सवाल उठना लाज़मी हैं, क्यूँ की असम में जो कुछ हुआ क्या वो गुजरात के दंगो से कम था। आखिर ऐसी क्या वजह हैं की मीडिया लोगों का भरोसा जितने में  नाकाम हो रहा हैं। बहुतसे लोगों की राय यह हैं की निचे दियें गएँ कारणोंसे मीडिया अपना वजूद खोता जा रहा हैं।

  1. असम जलता रहा लेकिन मीडिया का कवरेज निष्पक्ष नहीं रहा।
  2. जरूरत से ज्यादा मोदी को निशाना बनाना।
  3. सत्ताधारी लोगों के बारें में बहुत कम बोलना।
  4. ख़बरें तोड़ मोड़ कर पेश करना।
  5. कभी कभी दिन भर एक ही खबर को घिसातें रहना।
  6. अन्ना का कवरेज पहले जैसा नहीं किया। 
मीडिया को लोकशाही का  चौथा खम्बा कहा जाता हैं। क्या इस खम्बे में पक्षपात की दरारें तो नहीं आ रही हैं? यह सब बातें  हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं, की क्या हमारा मीडिया बिकाऊ तो नहीं हैं?

1 टिप्पणी:

  1. aaj,,, medam ji ne congress prwaktao ki bethak bulwaie thi,,,,,,,,,us bethak me kya huaa,,,,? kon kon shamil hue our,,,,kese unko , bjp netao ki,,,,,'''khichaatani"',,ko,,,,''Neech-rajneeti'',,,se,,,,shrangaarit,,,karnaa,,,hey tatha esme,,MIDIYA,,, ka kitna shayog lena hey,,,,ES BARE ME MIDIYA DIN BHAR CHUP KYO THA,,,,,midiya ko mahsus kyo nhi ho raha ki,,,,ab,,achhe din aane wale hey,,,,,,||

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