फेसबुक पर टैग की गयी तस्वीर पर एक "लघुलेख"
अब बात यह हैं यहाँ दो बातें हैं, जैसा की की मैं भारतीय हूँ, और मैं भारतीय मुसलमान हूँ। मैं भारतीय हूँ इसमें एकता का भाव दर्शाता हैं। मैं भारतीय मुसलमान हूँ इसका मतलब यह हैं की, इसमें दो भाव नज़र आतें हैं, जैसा की सिर्फ एक धर्म के बारें में बताने वाला हूं, जो की भारत में रहता हूँ । इस लियें हमें यह कहना ठीक होगा की, "मैं भारतीय हूँ"।
पुरी दुनिया जानती हैं की ताजमहल किसने और कैसे बनाया। टीपू सुलतान की तो बात तो अलग हैं, उसे तो हर हिन्दुस्तानी जानता हैं। हमें गर्व हैं की एक मुहम्मद इकबाल ने "सारें जहां से अच्छा" यह गीत देश के नाम लिखकर देश को एक बड़ा तोहफा दिया हैं। हम इन महान लोगों को कभी भूल नहीं सकतें। इन महान लोगों को साथ दहशतगर्द की तुलना करना, या इस शब्द का प्रयोग करना उचित नहीं होगा।
जिसने मुंबई पे हमला किया वो कौन था ? जिसने पार्लमेंट पे हमला किया वो कौन था? पकिस्तान में रहने वाले हिन्दू लोगों को देश से निकाल रहें हैं वो कौन हैं ? भारत में घुस कर असम में दंगा फैला रहे हैं, वो कौन हैं ?
दहशतगर्द सिर्फ दहशतगर्द होता हैं। हम तो सिर्फ उन्हें दहशतगर्द मानतें हैं जो किसी भी सूरत में देश में आतंक फैलाकर देश के मासूम लोगों का शिकार करतें हैं, उनका कोई धर्म नहीं होता।
जब तक हम यह नहीं कहते की"मैं भारतीय हूँ", ना की भारत का मुसलमान हूँ, भारत का हिन्दू हूँ, भारत का इसाई हूँ या भारत का सिख हूँ। जब तक हम यह नहीं कहते की हम भारतीय हैं, इसमें एक अलग ही जज्बा होगा, जो सिर्फ देश के लिए होगा।
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